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लेखनी प्रतियोगिता -14-Aug-2022


इस वीरों की धरती माँ
के माथे के चंदन
हे भारत माँ के वीर
पुत्र तुमको अभिनन्दन।

पहने धानी परिधान
खड़े हो तुम चोटी पर
जैसे उत्तप्त प्रकाश
किसी प्रज्ज्वलित ज्योति पर।

तुमने दुश्मन के वार
सदा ही भेद दिए हैं
नजरों से ही उनके
छाती में छेद किये हैं।

अब देख तुम्हारा पौरुष
दुनिया हुई फिदा है
हर कर्म तुम्हारा कर्मयोग
की नई विधा है।

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10 Comments

Mithi . S

17-Aug-2022 09:14 AM

Shandar

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Anshumandwivedi426

17-Aug-2022 10:32 AM

सादर धन्यवाद

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Sachin dev

15-Aug-2022 09:21 PM

Very nice 👍

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Anshumandwivedi426

15-Aug-2022 10:28 PM

Thanks so much

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Raziya bano

15-Aug-2022 01:44 PM

Nice

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Anshumandwivedi426

15-Aug-2022 02:14 PM

Thanks

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